संताली लैटिन लिपि क्यों ?
WHY SẠNTALI LATIN SCRIPT??
Sạntali
Le̱ṭin Haro̱ph do̱ ado̱ Cedak̓?
ख़बर
मिला है कि दुमका में संताली भाषाविदों का कोई सभा हुआ जिसमें इ निर्णय लिया गया
कि संताली भाषा के प्रयोग के लिए लैटिन लिपि सबसे उपयुक्त है। ख़बर का बस आम होना
था कि नॉकॉलचिकि खेमे में मिरचाई लग गया। नॉकॉलचिकि अंधभक्तों का एक हुजूम फेसबुक
पर टूट पड़ा और संताली लैटिन लिपि समर्थकों को जमकर गाली-गलौज किया गया। फ़ेसबुक के
एक गुरुप में बहस सिरफ संतालों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि गैर-संताल सरना आदिवासी
भी लड़ाई में कूद पड़े और उन्होंने सभा में भाग लेने वाले ईसाई पादरियों को कसकर
लताड़ा। यहाँ तक कि बहस में गुरुप के एडमिन नेह इंदवार भी कूद पड़े अउर एलान कर दिया
कि मैं तो रोमन लिपि में लिखी हिंदी की तरफ देखता ही नहीं।
अब
सवाल इ उठ खड़ा होता है कि संताली लैटिन लिपि का एतना विरोध काहे?? क्या इ लिपि संताली भाषा को अभिव्यक्त नहीं कर सकता? अइसा कतई नहीं है। अइसा होता तो नॉकॉलचिकि अंधभक्तों के आकाओं के घरों
में पी.ओ. बोडिङ लिखित पाँच मोटा-मोटा भोल्युम में छपा हुआ ‘ए
संताली डिक्शनरी’ का निवास नहीं होता। पी.ओ. बोडिङ भी कहने
को तो एक बिदेसी ईसाई मिशनरी ही थे। ख़ैर, उनका बात फिर कभी।
अभी बात इ है कि संताली लैटिन लिपि से उपयुक्त अउर कोई अन्य लिपि नहीं है जो कि
संताली भाषा के विशिष्ट ध्वनियों को एतने सक्षम और वैग्यानिक तरीके से बयान कर
सके। विरोध इसलिए भी है कि अधिकांश जनता को मालूम ही नहीं है कि संताली लैटिन लिपि
किस चिड़िया का नाम है?
संताली
लैटिन लिपि है क्या??
संताली
भाषा हेतु रूपान्तरित लैटिन लिपि
लोगों
में इ भरम फैला हुआ है कि संताली लैटिन लिपि का मतलब अंङरेज़ी लिपि, याने कि जिसमें BUT बराबर बट और PUT बराबर पुट। यकीन मानिए कि अगर आप भी अइसा
मानते हैं तो आपके जइसा बुड़बक दुनिया में भरा हुआ है काहेकि अधिकतर लोग एही समझते
हैं। ख़ैर, इस आलेख का इरादा ही है कि आप जइसे बुड़बकों को सही
बात बतलाया जाए।
वास्तव
में संताली लैटिन लिपि का मतबल होता है संताली भाषा हेतु रूपान्तरित लैटिन लिपि।
इस लिपि में संताली भाषा के हर ध्वनि के लिए एक विशिष्ट अक्षर/चिह्न है अउर साथ ही
साथ इस लिपि के हर विशिष्ट अक्षर/चिह्न का उच्चारण संताली भाषा के एक विशिष्ट
ध्वनि के अनुसार एकरूप ही किया जा सकता है।
(करबद्ध
निवेदन :- अगर आप इस आलेख को सम्पूर्ण परिशुद्धता के साथ पढ़ना चाहते हैं तो इसे ‘गूगल क्रोम ब्राउज़र’ के ‘वेब वर्शन’ में ही पढ़ें।)
सरल
शब्दों में इसको समझाया जाए तो संताली लैटिन लिपि में BUT को हमेशा ‘बुत’ पढ़ा जाएगा और PUT को ‘पुत’। अगर हम संताली
लैटिन लिपि में ‘बट’ लिखना चाहें तो
उसको BẠṬ
लिखेंगे और ‘पुट’ लिखना
चाहें तो उसको PUṬ
लिखेंगे। हियाँ हम सिरी इंदवार जी को
चुनौती देना चाहेंगे कि संताली लैटिन लिपि में सामान्य से थोड़े रूपान्तर के बाद
हिंदी भी शत-प्रतिशत सही अउर वैग्यानिक तरीके से पढ़ा अउर लिखा जा सकता है। अइसे
हालत में तो देवनागरी लिपि का तो बोलो राम ही हो जाएगा।
अब
हम आपको इ बतलाऊँगा कि संताली भाषा के किन-किन ध्वनियों के लिए संताली लैटिन लिपि
में कउन-कउन से अक्षर/ अक्षर-चिह्नयुग्म हैं। संताली भाषा के विशिष्ट ध्वनि आखिर
में हैं।
अ
|
Ạ
|
आ
|
A
|
इ
|
I
|
उ
|
U
|
ए
|
E
|
ओ
|
O
|
अं
|
Ạ͂
|
आं
|
A͂
|
इं
|
Ĩ
|
उं
|
Ũ
|
एं
|
E͂
|
ओं
|
Ọ͂
|
क
|
K
|
ख
|
Kh
|
ग
|
G
|
घ
|
Gh
|
ङ
|
ṅ
|
||
च
|
C
|
छ
|
Ch
|
ज
|
J
|
झ
|
Jh
|
ञ
|
Ń
|
||
ट
|
Ṭ
|
ठ
|
Ṭh
|
ड
|
Ḍ
|
ढ
|
Ḍh
|
ण
|
ṇ
|
||
त
|
T
|
थ
|
Th
|
द
|
D
|
ध
|
Dh
|
न
|
N
|
||
प
|
P
|
फ
|
Ph
|
ब
|
B
|
भ
|
Bh
|
म
|
M
|
||
य
|
Y
|
र
|
R
|
ल
|
L
|
व
|
W
|
स
|
S
|
ह
|
H
|
क्
|
k̓
|
च्
|
c̓
|
त्
|
t̓
|
प्
|
p̓
|
||||
अॅ
|
E̱
|
ऑ
|
O̱
|
हमरा
सबको खुला चुनौती है कि बतलावें कि संताली
भाषा के किस शब्द को संताली लैटिन लिपि
में नहीं लिखा जा सकता है? मिसाल के तौर पर कुछ
शब्द हम नीचे दे रहा हूँ।
हिंदी शब्द
|
English
meaning
|
संताली शब्द
|
हिंदी शब्द
|
English
meaning
|
संताली शब्द
|
पानी
|
Water
|
Dak̓
|
जाना
|
To go
|
Calak̓
|
पेट
|
Abdomen
|
Lac̓
|
कंघी
|
Comb
|
Nạkic̓
|
बाँस
|
Bamboo
|
Mat̓
|
पीसना
|
To grind
|
Rit̓
|
बाल
|
Hair
|
Up̓
|
पकड़ना
|
To catch
|
Sap̓
|
छींटना
|
Sow/ scatter
|
E̱r
|
स्त्री
|
A lady
|
Era
|
सेमल
|
Cotton tree
|
E̱de̱l
|
रेंड़ी
|
Castor oil plant
|
Eraḍo̱m
|
लिखना
|
To write
|
O̱l
|
घर
|
House
|
Oṛak̓
|
धरती
|
Land
|
O̱t
|
कुकुरमुत्ता
|
Mushroom
|
Ot̓
|
देखना
|
To see
|
Ńe̱l
|
नाम
|
Name
|
Ńutum
|
नहीं
|
No
|
Baṅ
|
बैल
|
Ox
|
D̥aṅgra
|
कोंहड़ा
|
Pumpkin
|
Kohṇḍa
|
पीढ़ा
|
Stool
|
Gaṇdo
|
संताली लैटिन
लिपि के दूसरे गुण
संताली भाषा के लिए विशेष रूप से रूपान्तरित लैटिन लिपि
किसी भी व्यक्ति को, जो संताली भाषा जानता हो, अउर लैटिन अक्षरों से परिचित हो,
पन्द्रह मिनट में हमेशा के लिए सिखाया जा सकता है, काहे कि उसको सिरफ छह-सात नए
चिन्हों का प्रयोग सीखना है । हमको लगता है कि आज के कम्पूटरही दुनिया में हर
साक्षर व्यक्ति के लिए वइसे भी लैटिन अक्षरों से परिचित होना अवश्यम्भावी हो गया
है।
अगर संताल लोग सिरफ झारखण्ड अउर बिहार में ही बसते तो हम
देवनागरी लिपि का भी इस्तेमाल किया जा सकता था। लेकिन झारखण्ड – बिहार के बाहर के
लोगों के लिए हिन्दी/ देवनागरी एक अतिरिक्त बोझ है, नॉकॉल्चिकि के तरह ही । साथ ही, अइसा करने से पड़ोसी देश बाङ्लादेश में रहने वाले लाखों संतालों का क्या होगा? वे तो हमेसा से संताली लैटिन लिपि का व्यवहार करते
आए हैं।
विरोध
का मूल कारण – साम्प्रदायिकता
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