सोमवार, 15 अगस्त 2011

हिहिड़ी-पिपिड़ी



“हिहिड़ी-पिपिड़ी रेबोन जानाम लेन,
खॉज-कामान रेबोन खॉज लेन ;
हाराता रेबोन हारा लेन,
सासाङ बेड़ा रेबोन जऽत एना हो ।
हिहिड़ी-पिपिड़ी खॉनाक् खॉज-कामान ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले हेलाव एना हो ;
खॉज-कामान खॉनाक्  हाराता बुरू ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले चालाव एना हो ।
हाराता बुरू खॉनाक् सासाङ बेड़ा ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले हेलाव एना हो ;
सासाङ बेड़ा खॉनाक् जरपी दिसम ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले सेटेर एना हो ।
जरपी दिसम खॉनाक् दॉ सिञ दुअर ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले नोण्डोङ एना हो ;
जरपी दिसम खॉनाक् दॉ बाँही दुअर ते,
दिसम फऽद दॉ गुरुले बाहेर एना हो ।
धिरी कापाट दॉ, गुरु हो! लाङोबमे से हो,
दिसम फऽद दॉ गुरु हो! ओडोकॉक् आले ;
आंक् ताम सुरसऽ ते, गुरु हो! सोड़ोगमे से हो,
धिरी कापाट दॉ, गुरु हो! झिच् आलेमे ।”

* * *
इस संताली गीत के अनुवाद के लिए आपको लम्बा इंतजार करना पड़ेगा ।
यह ब्लॉगर इसके लिए क्षमाप्रार्थी है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें