मंगलवार, 16 अगस्त 2011

'ऐई रोकोमे'


नोआ दॉ थोड़ा सेदाय दिन रेनाक् कहनी काना । इञ रेन मित् टेच् बांगाली गाते आयाक् बापला रेनाक् नेवताए कोल आदिञऽ । नोआ काथा दॉ आले कुडम रे ताँहेन कोड़ा हुकु मरडी होंएं बाड़ाय ञामकेदा । हुकु दॉ मित् टेच् अडी स्मार्ट कॉलेज कोड़ा । आदॉ इञ ठेच् हेच् कातेत् मेतञ कानाय, “ हेन्दा दा ! आञ्जॉम दञ जे आम दॉ मित् टेच् बांगाली बापला रेम चालाक् काना । आदॉ दादा, बिहारी बापला दॉ आयमाञ ञेल केदा, अयखऽ बांगाली बापला दॉञ बञ ञेल आकादा । आदॉ मासे दा, इञ हों इदी तोरायञ मे ।आदो, इञ होंञ रेबेन एना चेदाक् जे लाहामञ एसकारॉक् कान ताँहेंकाना ।  
आदॉ नेंडा दिन आलिञ बानार हॉड़ सापड़ाव कातेत् गाते ऑड़ाक् लिञ सेटेरेना । हुकु दॉ अडी चेहरा हिरो लेकाय सापड़ाव कान ताँहेंकाना, एकदॉम मिठून चक्रवर्ती लेकाए ञेलॉक् कान ताँहेंकाना । आदॉ गाते ऑड़ाक् खॉच् बरियत सॉंगे बापला ऑड़ाक लगित् ले  ओडोकना । ञुहुम-ञुहुम ले सेटेरेना । आदॉ आले आताङ-दाराम कातेत् जिरऊ लगित् दुड़ुपचु बाड़ा  कातेत् नास्ता-जॉमाक् को सुर आलेकाना । आदो उन दिनॉक् दॉ केटरिंगरेनाक् ज़माना दॉ बाङ  ताँहेंकाना । कुड़ी ऑड़ाक् रेन से ओनको रेन पेड़ा हॉड़ गे नास्ता दॉको लु-चाल एत् ताँहेंकाना । ओनको ताला रे मित् टेच् अडी चेहरा बांगाली कुड़ी हों ताँहेंकानाय । उनी ञेल साँवते हुकु दॉ उनी सॉंगे रॉड़ सानाकेदेया । मेनखान महा मुस्किल ! हुकु मा बांगला रॉड़ दॉ नासे-नासे गे बाडाय ! एनरेहों, ऑबसॉर दॉ ञाम केत् गेयाय । लुची’ (पूड़ी) चाल-चालते उनी कुड़ी हुकु फेडरे हेच् कातेत् आर होंय अढ़तिवाय जॉखेच् जाँहाँतिरे मेतादेयाय, “आरो लुची निन ना”, हुकु दॉ आचॉक्का गे मेन गॉत् केदाय, “आपनार बाड़ी कोथाय ?”   
उनी कुड़ी हों न्होंका दॉ बाय आटकार कात् ताँहेंकानाय जे ओनकाए कुली ओचोआ । आदॉ नासेनाक् अड़िस सॉंगेय कुली रुवड़ केदाय, “केनो ??”
हुकु दॉ नोआ आञ्जॉम कातेत् एकदॉम गे हाड़बाड़ावनाय । अडी मुस्किल ते इनक् गे रॉड़ दाड़ेवादाय, “ऐई रोकोमे   पुच्छिस !

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आदॉ आसोल बापला मा ताला ञिदऽ । ताला ञिदऽ लाहा गे आले दॉ भॉज को एमाक् लेया । आदॉ भॉज रेहों जॉमाक् हटिञरे उनी कुड़ी । नित दॉ उनी हुकु सेच् ते एकाल नॉर्मल चाबावकान ताँहेंकानाय चेदाक् जे हुकु होंतॉ ञेलजॉंङते अडी नापाय । आदॉ हुकुये हाको कुटी अढ़तिवाय कानाय आरे अडी आग्रॉह सॉंगे मेतायकानाय, “अरे, आपनि तो किछुय निलेन ना ! आपनि तो खेते पारेन !  आरो माछ निन ना! लॉज्जा कोरबेन ना !!
हुकु हों रॉड़ रुवड़ सानायेकाना जे - हें, उनक् दुलड़ सॉंगेम एमाञ खाच् जाँहाँतिनक् एम एमॉक् आ , जॉतॉ गेञ जॉम चाबाया । मेनखान बांगलाते चेत् लेकाए मेन ओचोया, ओना मॉंज ते बाय हुदिस जुतचुयेत् ताँहेंकानाय । आचका गे मोचा खॉच् ओंडोकेनताया, “आमाके तोमाके सोबायके खाबो !

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हाय हुकु हाय हुकु हाय हाय

(मुचत्)

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सूचना :- गैर संताली भाषा-भाषी पाठकों से निवेदन है कि इस पोस्ट का हिन्दी अनुवाद दे पाना तुरंत सम्भव नहीं हो पाएगा, काहे कि इस पोस्ट में जो कथ्य है, वह भाषा के विशिष्टता के लिए ही उल्लेखनीय है और उसका अनुवाद दुरुह है । इस पोस्ट को संताल परगना के संताली भाषा-भाषियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है । असुविधा के लिए हार्दिक दु:ख है । 



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